Namaz E Janaza - नमाज़े जनाज़ा
जनाज़े की नमाज़ का हुक्म?
नमाज़े जनाज़ा फरज़े किफ़ाया है यानि एक मर्द या औरत भी नमाज़े जनाज़ा पढ़ ले तो बाक़ी लोगों से फ़र्ज़ सकित हो जायेगा लेकिन अगर किसी ने नहीं पढ़ा तो सब लोग गुनाहगार होंगे (इसलिए हमें चाहिए कि हम नमाज़े जनाज़ा में ज़रूर शिरकत करें
नमाज़े जनाज़ा में 2 रुक्न और 3 सुन्नते हैं
रुक्न
- (1) चार तकबीर
- (2) क़याम करना सुन्नते मुअक्कदा
सुन्नते
- (1) सना
- (2) दरुद शरीफ
- (3) मैयत के लिए दुआ
मय्यत को आगे रखिये और उसके ठीक सीने के मुकाबिल इमाम साहब खड़े हो जाये | और पीछे लोग सफें बना कर खड़े हो जाएँ और सफें 2 या 4 न हों बल्कि 1, 3, 5, या 7 यानि ताक़ तादात में हों
janaze ki namaz ka tarika - नमाज़े जनाज़ा का तरीक़ा
नियत - Janaza Ki Niyat
नियत की मेंने नमाज़े जनाज़ा की चार तकबीरों के साथ, अल्लाह तआला के लिए, दुआ इस मय्यत के लिए, पीछे इस इमाम के, मुंह मेरा तरफ़ कअबा शरीफ़ के,
पहली तकबीर
अब पहली तकबीर अल्लाहु अकबर कह कर आम नमाज़ों की तरह दोनों हाथ बाँध लें
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सना - Sana
फिर सना पढ़ें
सुब्हाना कल्लाहुम्मा व बिहम्दिका व ताबराकस्मुका वत आला जद्दुका वाला इलाहा गैरुका,
दूसरी तकबीर
सना के बाद बगैर हाथ उठाये दूसरी तकबीर कहें “अल्लाहु अकबर" और दुरूद शरीफ़ Darood Sharif पढ़ें (इमाम साहब तकबीर ऊँची आवाज़ में बोलेंगे, और मुक्तदी मनमे) फिर दुरूदे इब्राहीम पढ़े जो पंज वक़्ती नमाज़ में पढ़ी जाती हैं,
Darood Ibrahimi - दुरूदे इब्राहीम
अल अहुम्मा सल्लि अला मुहम्मादिव व अला आलि मुहम्मद कमा सल लैता अला इब्राहीम व अला आलि इब्राहीम इन्नका हमीदुम मजीद अल अहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मद कमा बारकता अला इब्राहीम व अला आलि इब्राहीम इन्नका हमीदुम मजीद
तीसरी तकबीर
अब बगैर हाथ उठाये तीसरी तकबीर कहें “अल्लाहु अकबर" (इमाम साहब तकबीर ऊँची आवाज़ में बोलेंगे, और मुक्तदी मनमे) और ये दुआ पढ़ें
अगर मय्यत बालिग़ मर्द या औरत की है
अल्लाहुम्मरिफ़रली हय्यिना व मय्यितिना व शाहिदना व ग़ाइबिना व सग़ीरिना व कबीरिना व ज़कारिना व उन्साना अल्लाहुम्मा मन अहयइतहू मिन्ना फ़अहइही अलल इस्लामी व मन तवफ़्फ़इतहू मिन्ना फ़तवफ़्फ़ाहू अललईमान,
अगर मय्यत नाबालिग लड़के की है तो ये - दुआ पढ़ें
Janaze Ki Dua
अल्लाहुम्मज् अल्हू लना फ़रातव वज्अल्हू लना अज्रव व जुख़व वज्अल्हू लना शाफ़िअव व मुशफ़्फाआ,
अगर मय्यत नाबालिग लड़की की है तो ये - दुआ पढ़ें
Mayyat Ki Dua
अल्लाहुम्मज् अल्हा लना फ़रातव वज्अल्हा लना अज्रव व जुखव वज्अल्हा लना शाफ़िअव व मुशफ़्फाअह,
चौथी तकबीर
अब बगैर हाथ उठाये चौथी तकबीर कहें "अल्लाहु अकबर और हाथ खोल दे,
(इमाम साहब तकबीर ऊँची आवाज़ में बोलेंगे, और मुक्तदी मनमे)
सलाम
हाथ खोलने ले बाद तुरंत खड़े-खड़े ही पहले दाएं जानिब सलाम फेरें उसके बाद बायें जानिब को सलाम फेर दें
Qaza Namazo Ka Bayaan
ReplyDeleteकजा नमाजों का बयान | Qaza Namazo Ka Bayaan
मसलाः – किसी इबादत को उस के मुकर्ररा वक़्त पर…
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Namaz E Janaza
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